aaj ka shabd tamisra shivmangal singh suman hindi kavita main badha hi ja raha hoon आज का शब्द: तमिस्रा और शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की कविता 'मैं बढ़ा ही जा रहा हूं'
हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है - तमिस्रा जिसका अर्थ है 1. अंधेरी रात 2.
अंधकार। कवि शिवमंगल सिंह सुमन ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है। मैं बढ़ा ही जा रहा हूँ, पर तुम्हें भूला नहीं हूं। चल रहा हूं, क्योंकि चलने से थकावट दूर होती, जल रहा हूं क्योंकि जलने से तमिस्रा चूर होती, गल रहा हूं क्योंकि हल्का बोझ हो जाता हृदय का, ढल रहा हूं क्योंकि ढलकर साथ पा जाता समय का। चाहता तो था कि रुक लूं पार्श्व में क्षण-भर तुम्हारे किन्तु अगणित स्वर बुलाते हैं मुझे बांहे पसारे, अनसुनी करना उन्हें भारी प्रवंचन कापुरुषता मुंह दिखाने योग्य रखेगी ना मुझको स्वार्थपरता। इसलिए ही...
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