आज का शब्द: अवतार और श्रीकांत वर्मा की कविता- छूटा जा रहा मेरा प्रेम

Aaj Ka Shabd News

आज का शब्द: अवतार और श्रीकांत वर्मा की कविता- छूटा जा रहा मेरा प्रेम
HindihainhumHindi Hain HumUjaas
  • 📰 Amar Ujala
  • ⏱ Reading Time:
  • 26 sec. here
  • 18 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 70%
  • Publisher: 51%

आज का शब्द: अवतार और श्रीकांत वर्मा की कविता- छूटा जा रहा मेरा प्रेम

' हिंदी हैं हम ' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- अवतार , जिसका अर्थ है- उतरना, नीचे आना, जन्म लेना, शरीर धारण करना। प्रस्तुत है श्रीकांत वर्मा की कविता- छूटा जा रहा मेरा प्रेम एक सुबह उठते ही लगता है मेरा विश्वास जो मेरी परछाईं की तरह मेरे संग था कल मुझको सोते में छोड़कर चला गया— मैं बूढ़ा हो गया हूँ। छूटा जा रहा मेरा प्रेम। मैं बिल्कुल अकेला हो जाऊँगा क्या होगा! किसको पुकारूँगा? सारा दिन कैसे गुज़ारूँगा? सोने के पहले अपने वस्त्र क्या आईने में अपना अकेलापन देखने के लिए उतारूँगा?...

क्या होगा? कैसे गुज़ारूँगा? क्या मैं अपने गुज़रे जीवन को एक काग़ज़ पर लिखी हुई कविता की तरह दूसरे काग़ज़ पर उतारूँगा? क्या मैं यह सोचूँगा कि यदि मैंने उस पर शासन भी किया होता तो वह नहीं जाती! और क्या मैं फिर शासन के लिए एक शासक का चेहरा जाकर उधार लाऊँगा? क्या मैं एक स्त्री के लिए नक़ली तमंचा लिए बस्तर पर लूँगा अवतार? क्या मैं उसी स्त्री से फिर से रचाऊँगा विवाह? आख़िर मैं लूँ भी तो किससे सलाह? दिन चढ़ते-चढ़ते मैं अकेला हो जाता हूँ। मैं हरेक रास्ते पर कुछ दूर चलकर पाता हूँ यह रास्ता ग़लत था। मेरा...

We have summarized this news so that you can read it quickly. If you are interested in the news, you can read the full text here. Read more:

Amar Ujala /  🏆 12. in İN

Hindihainhum Hindi Hain Hum Ujaas Hindi Bhasha Hindi Apno Ki Bhasha Sapno Ki Bhasha Avtar Shrikant Verma Poems In Hindi Chhuta Ja Raha Prem हिंदीहैंहम आज का शब्द हिंदी हैं हम हिंदी भाषा हिंदी अपनों की भाषा सपनों की भाषा अवतार श्रीकांत वर्मा की कविताएं छूटा जा रहा प्रेम

Malaysia Latest News, Malaysia Headlines

Similar News:You can also read news stories similar to this one that we have collected from other news sources.

आज का शब्द: ईशान और ज्योति रीता की कविता- प्रेम में ठगी गई स्त्रीआज का शब्द: ईशान और ज्योति रीता की कविता- प्रेम में ठगी गई स्त्रीआज का शब्द: ईशान और ज्योति रीता की कविता- प्रेम में ठगी गई स्त्री
Read more »

आज का शब्द: अंतरिम और अनामिका की कविता- बारिश में धूप की तरह आती हैंआज का शब्द: अंतरिम और अनामिका की कविता- बारिश में धूप की तरह आती हैंआज का शब्द: अंतरिम और अनामिका की कविता- बारिश में धूप की तरह आती हैं
Read more »

आज का शब्द: अकाट्य और दिनेश कुमार शुक्ल की कविता- काँसे की कलियों के भीतरआज का शब्द: अकाट्य और दिनेश कुमार शुक्ल की कविता- काँसे की कलियों के भीतरआज का शब्द: अकाट्य और दिनेश कुमार शुक्ल की कविता- काँसे की कलियों के भीतर
Read more »

आज का शब्द: अकूत और कुमार अम्बुज की कविता- सरसराहट की भी जो एक भाषा हैआज का शब्द: अकूत और कुमार अम्बुज की कविता- सरसराहट की भी जो एक भाषा हैआज का शब्द: अकूत और कुमार अम्बुज की कविता- सरसराहट की भी जो एक भाषा है
Read more »

आज का शब्द: अंजन और बालकृष्ण शर्मा नवीन की कविता- हम हैं मस्त फ़कीरआज का शब्द: अंजन और बालकृष्ण शर्मा नवीन की कविता- हम हैं मस्त फ़कीरआज का शब्द: अंजन और बालकृष्ण शर्मा नवीन की कविता- हम हैं मस्त फ़कीर
Read more »

आज का शब्द: तमिस्रा और शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की कविता 'मैं बढ़ा ही जा रहा हूं'आज का शब्द: तमिस्रा और शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की कविता 'मैं बढ़ा ही जा रहा हूं'aaj ka shabd tamisra shivmangal singh suman hindi kavita main badha hi ja raha hoon आज का शब्द: तमिस्रा और शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की कविता 'मैं बढ़ा ही जा रहा हूं'
Read more »



Render Time: 2025-02-24 16:43:10