How to make compost from stubble: धान या गेहूं की कटाई के बाद बचे अवशेषों को पराली कहा जाता है. पराली इन दिनों किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है. आमतौर पर किसान इसे खेतों में जला देते हैं, जिससे न केवल खेतों को नुकसान होता है बल्कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदूषण भी बढ़ जाता है.
अब किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. किसान अब इसे जलाने की बजाय हरित खाद में परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और उनके खेत की उर्वरक शक्ति भी बढ़ेगी. दरअसल, कृषि के क्षेत्र में लगभग 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के सहायक विकास अधिकारी कृषि दिलीप कुमार सोनी ने Local18 को बताया कि खरीफ की फसल की हार्वेस्टिंग का समय चल रहा है.
दिलीप कुमार सोनी ने Local18 को बताया कि जैव अपघटक के अंदर जिंदा कीटाणु होते हैं, जो हमारी फसल से निकले कृषि अपशिष्ट में पहुंचते ही उसे 30 से 35 दिनों में डीकंपोज कर हरित खाद बना देते हैं. ऐसा करने के लिए आपको जैव अपघटक लेना होगा, जिसे आप राजकीय कृषि केंद्र से निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं. उसके बाद किसी बड़े पात्र में 200 लीटर पानी में 1.5 से 2 किलो गुड़ डालकर घोल बनाना है. उस घोल को लगभग 5 से 6 दिन तक दिन में तीन बार लकड़ी से घुमाते रहें. ऐसा करने में प्रति एकड़ 20 रुपये से भी कम खर्च होगा.
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