उत्तराखंड चुनाव में युवाओं के लिए रोजगार बड़ा मुद्दा Uttarakhand Elections2022 JournoAshutosh
पहाड़ों में ही रोजगार चाहते हैं वहां के युवा
कई युवाओं का कहना है कि पहाड़ में शिक्षा लेना ही बड़ी चुनौती है, क्योंकि उच्च शिक्षा के लिए देहरादून जाना पड़ता है. कॉलेज तक की पढ़ाई के लिए गांव से शहर की दूरी काफी ज्यादा है और सड़कें भी नहीं हैं. इस बारे में पूनम उनियाल ने कहा, वो शॉर्टहैंड की पढ़ाई कर रही हैं लेकिन कॉलेज और हाई स्कूल की शिक्षा पाने के लिए उन्हें घर से काफी दूर जाना पड़ता था. उनके गांव में बेहतर सड़क ना होने के कारण स्कूल-कॉलेज पहुंचना भी बड़ी चुनौती थी.
इसीलिए कुछ ऐसे लोग हैं जो इन युवाओं के सपनों को पंख देने की कोशिश कर रहे हैं. पूर्व सैनिक राजेश सेमवाल उत्तरकाशी में युवाओं को फौज और अर्धसैनिक बलों और पुलिस में भर्ती के लिए तैयार करते हैं. राजेश सेमवाल कहते है कि सेना से निकलने के बाद वह अपने इलाके के बच्चों के सपनों को पूरा करना चाहते थे क्योंकि यहां पर बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. राजेश कहते हैं कि बच्चों को तैयार करने के लिए इस कैंप को स्थापित करने में उन्होंने कर्ज भी लिया लेकिन वह इसे अपना फर्ज समझते हैं. राजेश के कैंप में ट्रेनिंग पा चुके कई बच्चे भारतीय सेना में भर्ती हो चुके हैं.
वहीं बिट्टू कहते हैं कि ग्रामीण इलाकों में बच्चे ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाते और स्कूल भी हमारे गांव से बहुत दूर है. उत्तरकाशी के युवा अपने रोजगार को लेकर सोच रहे हैं लेकिन हमारे नेता युवाओं पर ध्यान नहीं देते सिर्फ चुनाव के दौरान आते हैं और उसके बाद भूल जाते हैं.पंकज और राम यमुनोत्री इलाके में एडवेंचर स्पोर्ट्स आयोजित करते हैं और इसी से अपनी आजीविका कमाते हैं.
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