Lok Sabha Elections: इस प्रभावशाली नवाब खानदान ने अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में रामपुर को नौ बार सांसद दिये हैं लेकिन इस चुनाव में ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है।
रामपुर की सियासत में काफी प्रभावी रहा नवाब खानदान इस बार लोकसभा चुनाव में अलग-अलग पार्टियों के साथ दिखाई दे रहा है। इस प्रभावशाली खानदान ने अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में रामपुर को नौ बार सांसद दिये हैं लेकिन इस चुनाव में ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है। रामपुर में कल मतदान होना है और नतीजे 4 जून को सामने आएंगे। क्या रहा है रामपुर की सियासत में नवाबों का इतिहास इतिहास पर नजर डालें तो रामपुर नवाब खानदान का यहां की सियासत में वर्चस्व वर्ष 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में इस परिवार के दामाद एस.
अहमद मेहंदी लखनऊ के पास स्थित पीरपुर तालुके के राजा थे। वह उनकी सगी फूफी के शौहर थे। वर्ष 1962 में वह लगातार दूसरी बार रामपुर से कांग्रेस के सांसद चुने गए थे। उसके बाद नवाब काजिम अली के पिता जुल्फिकार अली खां 1967, 1971, 1980, 1984 और 1989 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुए। इसके अलावा उनकी पत्नी बेगम नूर बानो 1996 और 1999 में रामपुर से कांग्रेस की सांसद रहीं। कुल मिलाकर17 लोकसभा चुनाव में नौ बार रामपुर सीट पर नवाब खानदान का प्रतिनिधित्व रहा। लंबे अरसे तक रामपुर की...
Elections Nawab Family Azam Khan
Malaysia Latest News, Malaysia Headlines
Similar News:You can also read news stories similar to this one that we have collected from other news sources.
Firozabad Lok Sabha: 2014 में बसपा से तीसरे नंबर पर रहे ठाकुर विश्वदीप सिंह को BJP बनाया प्रत्याशी, पिता 1957 में जीते थे निर्दलीय चुनावFirozabad Lok Sabha Seat: बीजेपी ने इस बार फिरोजाबाद से ठाकुर विश्वदीप को उतारा है जबकि सपा से अक्षय यादव लगातार तीसरी बार मैदान में हैं।
Read more »
चुनावी किस्सा: लोकसभा चुनाव 2024 नहीं लड़ेंगे गुलाम नबी आजाद, जानिए 1980 में पहली बार टिकट मिलने की कहानीGhulam Nabi Azad autobiography : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद पहली बार 1980 में सांसद बने थे। पहली बार उनके सांसद बनने की कहानी दिलचस्प क्यों है?
Read more »
तमिलनाडु की 39 सीटें सीटों पर कल वोटिंग, मोदी की मेहनत बीजेपी के कितने काम आएगी?पीएम मोदी ने इस बार तमिलनाडु का सात बार दौरा किया है, उनकी तरफ से द्रविडियन राजनीति के बीच में सनातन और सांस्कृतिक मुद्दों को उठाने का काम किया गया है।
Read more »