हिंदी सिनेमा के एक युग का अवसान: दिलीप साहब इस दुनिया से विदा हुए, मगर भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा के लिए हो गए अमर Yatindra76 DilipKumar
दिलीप कुमार साहब से बेशुमार प्यार की ढेरों वजहें हैं। वह शाइस्तगी, नफासत से कौल कहने का अंदाज और जीवन में बाकमाल अभिनय की सात दशकों की लंबी पारी..
?’ तो उनके किरदार के प्रेम में आप आज भी उसी हरारत से पड़ जाएंगे, जब दो पीढ़ी पहले आपके दादा या नाना उनके मुरीद हुए होंगे। वह ऐसे इंसान थे, जिनका जीवन भी सतरंगी कहानियों से भरा पड़ा है। ‘नया दौर’ फिल्म के लिए अभिनेत्री मधुबाला के साथ हुआ उनका विवाद और मशहूर कोर्ट का किस्सा, अब जैसे ‘लैला मजनू’ की कहानी की तरह सुना-सुनाया जाता है। ये दिलीप कुमार द्वारा अभिनीत बेहतरीन फिल्मों का मामला है कि उनकी फिल्मों ‘गंगा-जमना’ से प्रेरित ‘दीवार’, ‘नया दौर’ से ‘लगान’ और ‘मधुमती’ से ‘ओम शांति ओम’ जैसी फिल्में...