सिलिकोसिस: पत्थर कटाई करने वाले मज़दूर जीते जी नर्क में रहने के लिए मजबूर क्यों हैं राजस्थान पत्थरकटाई सिलिकोसिस Rajasthan StoneCutting Silicosis
अगर आप गूगल पर सिलिकोसिस शब्द खोजेंगे तो आपको यह जवाब मिलेगा, ‘सिलिका युक्त धूल में लगातार सांस लेने से फेफड़ों में होने वाली बीमारी को सिलिकोसिस कहा जाता है. इसमें मरीज के फेफड़े खराब हो जाते हैं. पीड़ित व्यक्ति की सांस फूलने लगती है. इलाज न मिलने पर मरीज की मौत हो जाती है.’
इसलिए मजदूरों की जान की सुरक्षा के उपाय न अपनाकर मूर्ति और मंदिर निर्माण के लिए पत्थर कटाई का काम चल रहा है. इसके अलावा जैन मंदिरों के लिए भी बड़ी मात्रा में पत्थर तराशने का काम यहां होता है. अमेरिका के न्यू जर्सी में भारतीयों द्वारा जिस अक्षरधाम मंदिर को बनाने का काम चल रहा है, उसके लिए भी पत्थर पिंडवाड़ा से जा रहा है.
हालांकि, यह करवाना सरकार की ज़िम्मेदारी है लेकिन कोई इसे लागू करवाने की कार्रवाई नहीं करता. सामाजिक संस्थाओं की कोशिशें सरकारी अनिच्छा के सामने बेकाम हो रही हैं.