वैलेंटाइन डे: कोरोना ने कैसे बदला है प्यार का बाज़ार
कोरोना की वजह से फूलों का कारोबार भी इन दिनों ख़ास नहीं चल रहा.
मूल रूप से कोलकाता के निवासी रंजन दास ने बताया कि जो काम मिल भी रहा है वो भी जस्टडायल जैसे प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करने की वजह से यानी ऑनलाइन. किशोर ने बताया, "मैं ऑनलाइन तो सामान नहीं बेचता लेकिन व्हॉट्सऐप के ज़रिए ही पुराने ग्राहक भी ऑर्डर करते हैं. हां, दुकान पर आने वाले लोग बहुत कम हो गए हैं."कोरोना की मार के साथ ही ई-कॉमर्स में आई बहार भी दुकानों पर घट रही भीड़ का कारण है. इसकी गवाही आंकड़े देते हैं.बताते हैं कि भारत में ई-कॉमर्स ने कारोबार करने के तरीकों को बदल दिया है.साल 2020 में यह आंकड़ा महज़ 46.2 अरब डॉलर ही थी. यह बाज़ार साल 2030 तक 350 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है.
NASSCOM के अनुसार, COVID-19 की वजह से मौजूद चुनौतियों/ अड़चनों के बावजूद, भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2021 में 56.6 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित बिक्री के साथ 5% की दर से बढ़ रहा है. लोगों के पास स्मार्टफोन पहुंचने, 4जी नेटवर्क और ग्राहकों की आय बढ़ने से भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार के साल 2026 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि साल 2017 में यह सिर्फ़ 38.5 अरब डॉलर था.