महाराष्ट्र सरकार: केंद्र के कृषि कानूनों के जवाब में सदन में पेश किए तीन संशोधित विधेयक Maharashtra FarmLaw Bills Agriculture OfficeofUT
सरकारों के अधिकारों में हस्तक्षेप करते हैं। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार को कानून बनाने का अधिकार है और हम केंद्र के कृषि कानूनों में संशोधन का सुझाव देना चाहते हैं, जो हमारे मुताबिक किसान विरोधी हैं।'
राज्य के कृषि मंत्री दादा भुसे ने कहा कि अगर कृषि उपज के दाम एमएसपी से अधिक नहीं होंगे तो व्यापारियों और किसानों के बीच हुए कृषि समझौते अवैध माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसान को उसकी उपज बिकने के सात दिन के अंदर भुगतान नहीं किया जाता तो व्यापारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है और सजा बतौर तीन साल की कैद और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर किसान तथा व्यापारी के बीच लेनदेन में कोई विवाद पैदा होता है तो संबंधित पक्ष सक्षम प्राधिकार में अर्जी दाखिल कर समाधान की मांग कर सकते हैं। वे सक्षम प्राधिकार के आदेश के खिलाफ अपीलीय प्राधिकार में अपील दाखिल कर सकते हैं। मसौदा विधेयक उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की उप समिति ने तैयार किए हैं। पवार ने कहा कि मसौदा विधेयक दो महीने के लिए सभी पक्षकारों के विचार विमर्श और चर्चा के लिए रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि नागपुर में आयोजित होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधेयकों को चर्चा और पारित करने के लिए लिया जाएगा।