पेगासस: 50 देशों में 1000 पत्रकारों-नेताओं से जुडे़ 50000 फोन नंबरों की कराई गई जासूसी Pegasus Spying
नेताओं, कार्यकर्ताओं और कारोबारियों से जुडे़ 50,000 फोन नंबरों की जासूसी कराई गई। इनमें 189 मीडियाकर्मी, 600 से ज्यादा नेता और सरकारी कर्मचारी, 65 कारोबारी अधिकारी और 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं, जिनके फोन पर नजर रखी गई।
फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित गैर लाभकारी मीडिया संस्था फॉरबिडेन स्टोरीज और मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत 17 मीडिया संस्थानों के कंसोर्टियम की रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएसओ ने 50 देशों के 1,000 से ज्यादा पत्रकारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के नंबरों को निगरानी सूची में रखा था। बताया जा रहा है कि भारत के 300 फोन नंबरों को जासूसी की सूची में रखा गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा मैक्सिको के फोन नंबरों की हैकिंग कराई गई। इसके बाद मध्य पूर्व के फोन नंबरों की हैकिंग की गई। भारत सरकार ने 2019 में पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से इनकार किया था। सबसे पहले 2016 में यह मालवेयर चर्चा में आया था, जब शोधकर्ताओं ने संयुक्त अरब अमीरात के एक शख्स की जासूसी का आरोप एनएसओ पर लगाया था।रिपोर्ट के अनुसार, निगरानी कंपनी एनएसओ की सेवाएं लेने में सबसे आगे सऊदी अरब है। वहीं, जिन देशों में फोन की निगरानी कराई गई, उनमें फ्रांस, हंगरी, भारत, अजरबैजान, कजाकिस्तान...
रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा मैक्सिको के फोन नंबरों की हैकिंग कराई गई। इसके बाद मध्य पूर्व के फोन नंबरों की हैकिंग की गई। भारत सरकार ने 2019 में पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से इनकार किया था। सबसे पहले 2016 में यह मालवेयर चर्चा में आया था, जब शोधकर्ताओं ने संयुक्त अरब अमीरात के एक शख्स की जासूसी का आरोप एनएसओ पर लगाया था।रिपोर्ट के अनुसार, निगरानी कंपनी एनएसओ की सेवाएं लेने में सबसे आगे सऊदी अरब है। वहीं, जिन देशों में फोन की निगरानी कराई गई, उनमें फ्रांस, हंगरी, भारत, अजरबैजान, कजाकिस्तान...
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