डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते है कि रेड सिंधी नस्ल की गाय जिसे लाल सिंधी गाय के नाम से भी जाना जाता है. यह गए अपने दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती है. इस गाय की खासियत यह है कि यह अन्य गाय की तुलना में अधिक दूध देती है. यह गाय एक ब्यांत में लगभग 1840 लीटर तक दूध देती है.
रायबरेली. हमारे देश की 80% आबादी खेती पर ही निर्भर है. लोग खेती के साथ ही अपनी आय बढ़ाने के लिए पशुपालन का काम भी कर रहे हैं. वह किसान बकरी ,मुर्गी, सूअर पालन के साथ ही गाय,भैंस का पालन करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. गाय पालन धीरे-धीरे ग्रामीण भारत के साथ ही शहरी क्षेत्रों में बिजनेस का रूप ले रहा है. अब किसान के अलावा पढ़े-लिखे युवा भी गाय पालन में रुचि ले रहे हैं. देश में आपको हजारों की संख्या में पढ़े-लिखे युवा मिल जाएंगे, जो अच्छी-खासी नौकरी छोड़ कर गाय पालन का रुख कर रहे हैं.
इंद्रजीत वर्मा बताते हैं की गाय पालन का काम करने वाले किसान देसी नस्ल की रेड सिंधी गाय का पालन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. यह देसी नस्ल की गए हैं जो अपने अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती है. इस गाय का मूल स्थान बलूचिस्तान के बेला राज्य है. हालांकि, अब पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल सहित कई राज्यों में किसान इसका पालन कर रहे हैं. इससे किसानों की अच्छी कमाई हो रही है. रेड सिंधी की खासियत इसके दूध में वसा 4.5 प्रतिशत तक पाया जाता है. यह रोज 12 से 20 लीटर के बीच दूध दे सकती है.
कहां पाई जाती है लाल सिंधी गाय लाल सिंधी गाय की कीमत कितना दूध देती है लाल सिंधी गाय लाल सिंधी गाय की पहचान Red Sindhi Cow Where Is Red Sindhi Cow Found Price Of Red Sindhi Cow How Much Milk Does Red Sindhi Cow Give Identification Of Red Sindhi Cow
Malaysia Latest News, Malaysia Headlines
Similar News:You can also read news stories similar to this one that we have collected from other news sources.
गाय की इस विदेशी नस्ल का करें पालन, दूध व्यापारियों की पहली पसंद, 40 लीटर तक देती है दूधयदि आप बिहार के किसी भी जिले से सम्बंध रखते हैं और गौ-पालन कर डेयरी उद्योग की शुरुआत करना चाहते हैं, तो आज हम आपको गायों की कुछ ऐसी नस्लों के बारे में बताएंगे, जिसका पालन आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है.
Read more »
बंपर कमाई का जरिया है बकरी की ये खास नस्ल, दो किलो तक देती है दूध, रखना भी है बेहद आसानकरौली स्थित पशुपालन विभाग के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. ब्रह्म प्रकाश पांडे के मुताबिक इस नस्ल की बकरी को दो क्रॉस ब्रीड से बनाया गया है. खास बात यह है कि इसका नाम भी करौली गॉट ही रखा गया है. इस नस्ल की बकरी के बच्चे 9 महीने में ही मार्केट साइज के लिए तैयार हो जाते है. इस नस्ल की बकरियों में दूध की मात्रा प्रतिदिन डेढ़ किलो से लेकर 2 किलो होती है.
Read more »
इस नस्ल की बकरी कहलाती है गरीब की गाय, कम खर्च में देती है ज्यादा मुनाफा, जानें इसकी खासियतमारवाड़ी नस्ल की बकरी राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में पाई जाने वाली बकरी की एक प्राचीन नस्ल है. राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं में मारवाड़ी बकरी का महत्वपूर्ण स्थान है. यह नस्ल अपने दूध, मांस और अन्य उत्पादों के लिए जानी जाती है. मारवाड़ी बकरी एक कठिन परिश्रमी नस्ल है और यह गर्म शुष्क जलवायु में भी अच्छी तरह जीवित रह सकती है.
Read more »
उमस और गर्मी से छुटकारा देती हैं सुकून से भरी देहरादून की ये 7 जगहेंउमस और गर्मी से छुटकारा देती हैं सुकून से भरी देहरादून की ये 7 जगहें
Read more »
शांति और सुकून देती हैं सिक्किम की ये वादियां, सुंदरता देख जन्नत का होगा एहसासशांति और सुकून देती हैं सिक्किम की ये वादियां, सुंदरता देख जन्नत का होगा एहसास
Read more »
भारत की ये जगह खुद देती है चेतावनी इनसे रहिये कोसो दूरभारत की ये जगह खुद देती है चेतावनी इनसे रहिये कोसो दूर
Read more »