पाकिस्तान में सैन्य और ख़ुफ़िया प्रमुखों की ज़िंदगी पर क्यों छिड़ी है बहस
पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ़ प्रचार के मामले में अपने समय में मशहूर थे और सोशल मीडिया पर उनके लिए 'थैंक यू राहील शरीफ़' जैसे बहुत से ट्रेंड भी बनते थेआप सोच रहे होंगे कि यहां इस घटना को बताने का क्या उद्देश्य है. तो वजह यह है कि पाकिस्तान में मीडिया और सोशल मीडिया पर कई दिनों से बहस चल रही है कि क्या पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी यानी आईएसआई के प्रमुखों का मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रचार किया जाना चाहिए और उन्हें ख़बरों में चर्चा का विषय बनना चाहिए, या नहीं.
पाकिस्तान में आईएसआई प्रमुखों के प्रचार का मामला कब और कैसे शुरू हुआ और इस संबंध में क्या नियम या परंपराएं हैं? ये जानने से पहले, दुनिया की ख़ुफ़िया एजेंसियों के प्रमुखों द्वारा अतीत में इस संबंध में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानना ज़रूरी है.
MI6 के अस्तित्व के संबंध में, साल 1994 में इंटेलिजेंस सर्विसेज़ ऐक्ट में सिर्फ़ यही शब्द मौजूद थे, 'एक सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस मौजूद रहेगी.' हालांकि, उनकी तैनाती के संबंध में संबंधित विभाग आमतौर पर प्रेस विज्ञप्ति या उनके करियर से संबंधित कुछ जानकारी ज़रूर प्रकाशित करते हैं. उनसे संबंधित जानकारी इस बात पर भी निर्भर करती है कि उन्होंने अतीत में अपनी सरकार या एजेंसियों के साथ किस हैसियत से काम किया है.उदाहरण के लिए, अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देशों में ख़ुफ़िया एजेंसियों के प्रमुख के लिए ये ज़रूरी नहीं है कि वह सेना का सेवारत अधिकारी हो. वो सेवानिवृत्त अधिकारी, राजनयिक या किसी भी क्षेत्र से संबंध रखने वाला व्यक्ति हो सकता है.
लेकिन पाकिस्तान में ख़ुफ़िया एजेंसी या सेना प्रमुखों के मामले में परंपरा कुछ अलग रही है. चूंकि आईएसआई का प्रमुख आमतौर पर एक वर्तमान सेवारत सैन्य अधिकारी होता है, इसलिए उसे सैन्य क़ानून में मौजूद नियमों का पालन करना होता है.यह इतना ताक़तवर पद माना जाता है कि यहां तैनात होने वाले प्रमुख, प्रचार के मामले में निजी पसंद-नापसंद के कायल नज़र आते हैं. इसलिए अलग-अलग दौर में अलग-अलग कार्यशैली देखने को मिलती है.
हाल ही में आईएसआई प्रमुख के पद से रिटायर होने वाले लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज़ हमीद एजेंसी में अपने करियर के दौरान विवादास्पद तौर पर ख़बरों का विषय रहे हैं. उनका नाम सबसे पहले तब सामने आया जब उन्होंने फ़ैज़ाबाद में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के धरने को समाप्त करने के एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए. उस समय वह आईएसआई में मेजर जनरल के पद पर कार्यरत थे. डीजी आईएसआई रहते हुए उनकी तस्वीरें, वीडियो और उनसे जुड़ी ख़बरें हमेशा चर्चा में रही हैं.
Malaysia Latest News, Malaysia Headlines
Similar News:You can also read news stories similar to this one that we have collected from other news sources.
टीम इंडिया की कप्तानी पर बोले शाहिद कपूर, ‘जर्सी’ की हीरोइन का यह है फेवरेट क्रिकेटरफिल्म ‘जर्सी’ की कहानी क्रिकेट के इर्द-गिर्द घूमती है, इसलिए शाहिद और मृणाल से क्रिकेट की दुनिया में हो रही चीजों से जुड़े कुछ सवाल पूछे गए थे। शाहिद से रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल क्रिकेट में कप्तानी के विभाजन पर उनकी राय पूछी गई थी।
Read more »
दिल्ली में शादियों पर लग सकता है ब्रेक, इन जगहों पर लग गया बैनदिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कई सार्वजनिक स्थलों पर पाबंदी लगा दी गई है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राजधानी में इस सप्ताह ‘यलो अलर्ट’ जारी किया था.
Read more »
इन बातों पर ध्यान नहीं दिया तो रद्द हो सकती है जमीन की रजिस्ट्रीProperty, House, Land And Plot Registration Can Be Cancelled If These Things Are Not Taken Care Of, Property Registration: रजिस्ट्री होने के बाद प्रॉपर्टी के विक्रेता के पास सूचना भेजी जाती है और उन्हें जानकारी दी जाती है कि अमुक व्यक्ति के नाम पर बैनामा कर दिया गया है और अगर आपको इसको लेकर कोई आपत्ति है तो उसको दर्ज करा सकते हैं.
Read more »
IND vs SA: विराट कोहली की नजर में कौन है सेंचुरियन टेस्ट की जीत का नायक?India vs South Africa: भारत ने सेंचुरियन में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका को 113 रन से मात दी. विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में टीम इंडिया ने कमाल का प्रदर्शन किया और सेंचुरियन में पहली बार टेस्ट मैच जीता. इसके बाद विराट ने टीम के साथी खिलाड़ियों की तारीफ की.
Read more »
ये हैं बॉलीवुड की बेस्ट ननद भाभी की जोड़ियां, जिनमें दिखता है बहनों जैसा प्यारये हैं बॉलीवुड की बेस्ट ननद भाभी की जोड़ियां, जिनमें दिखता है बहनों जैसा प्यार bollywood ranimukharji kareenakapoor sohaalikhan
Read more »
क्या आरक्षित वर्ग को अकादमिक जगत से दूर रखने की कोशिश की जा रही है?वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान में हुई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्तियों में ओबीसी की आरक्षित सीटों के लिए ‘योग्य उम्मीदवार’ न मिलने पर विवाद हो गया है. साथ ही जेएनयू में भी वाइवा स्कैम की बात सामने आ रही है. इन मामलों पर द वायर के मुकुल सिंह चौहान ने दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर लक्ष्मण यादव से बात की.
Read more »