देश को रोशन करने वाले सोनभद्र में बीमारी और मौत के अंधेरे में लाखों जिंदगियां

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सोनभद्र में देश की सबसे ज्यादा बिजली पैदा होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वहां के लाखों लोगों को इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ रही है? देखिए सोनभद्र से हमारी ये स्पेशल रिपोर्ट | UtkarshSingh_ | UPElection2022

को देश की ऊर्जा राजधानी कहते हैं. सोनभद्र-सिंगरौली में हर दिन 21,500 मेगावॉट बिजली पैदा होती है, जिसके लिए यहां के पॉवर प्लांट्स में प्रतिदिन औसतन 3 लाख 26 हजार टन कोयला इस्तेमाल होता है. कोयला जलाने से हर रोज 1 लाख टन से ज्यादा फ्लाई ऐश उत्सर्जित होता है. पॉवर प्लांट्स ने इस फ्लाई ऐश के डिस्पोजल के लिए तालाब बनाए हुए हैं, जहां फ्लाई ऐश को पानी के साथ मिलाकर इन पाइप्स के जरिए डिस्पोज किया जाता है. लेकिन ओवरफ्लो और लीक होकर ये सारा फ्लाई ऐश रिहंद बांध में जाता है.

जनकधारी की बड़ी बहू बताती हैं कि ये समस्या कोई नई नहीं है. 5 साल पहले उनकी 4 छोटी-छोटी बच्चियों की मौत हुई थी. डॉक्टर ने पीलिया, बुखार और खून की कमी से मौत होना बताया था. डॉक्टर ने बताया कि पानी की वजह से बीमारी फैली है. अब 7 में से 3 लड़कियां बची हैं. स्थानीय विधायक और उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गौड़ ने भी माना था कि मकरा ग्राम पंचायत में गंभीर बीमारी से जो मौते हुई हैं, इसका मुख्य कारण वहां का पानी था.

सोनभद्र का भूमिगत जल कितना जहरीला है, इसकी बानगी देखने गोविंदपुर और कुसमहा गांव चलिए. यहां अकेले कुसमहा गांव में सैकड़ों लोग विकलांगता पेंशन ले रहे हैं. कुसमहा के बुजुर्ग ग्रामीण रंगलाल रोते हुए कहते हैं,"30-40 साल से दिक्कत है. पहले चलते थे, लेकिन अब ज्यादा तंग कर दिया है. घुटने के नीचे से दिक्कत है. वो तो बहुत बैठे हैं, वो क्या करेंगे. बना-बना कर ले जाते हैं, बस वही धंधा है. कुछ मिलता नहीं. अब तो खाना भी नहीं खा पाते हैं. कोई बना कर दे देगा तो खा लेंगे नहीं तो नहीं...".

लाठी के सहारे चलते गोविंदपुर गांव के नौजवान मनोज कुमार कहते हैं कि पैदा होने के 9 महीने बाद ही उनका पैर खराब हो गया था, ये कोई जन्मजात बीमारी नहीं थी. डॉक्टर ने उनकी बहुत चेकिंग की लेकिन उनको कोई दवा नहीं सूट की. इसी गांव में एक छोटा सा बच्चा लंगड़ा कर चल रहा था, पूछने पर उसकी दादी रजवंती देवी ने बताया कि जब उनका पोता 4 साल का था, तब पैर खराब हुआ था. उन्होंने कहा कि पानी की वजह से गांव में सबका पैर दर्द कर रहा है. लोग चल नहीं पा रहे हैं, लोगों की कमर झुक जा रही है.

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