Jhansi Hospital Fire: नर्स मेघा जेम्स झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में उस समय ड्यूटी पर थीं, नवजात शिशु चिकित्सा इकाई (NICU) में अचानक आग लग गई. मेघा ने अपनी जान की परवाह न करते हुए करीब 15 बच्चों को बचाने में सफलता हासिल की.
Jhansi Hospital Fire : नर्स मेघा जेम्स झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में उस समय ड्यूटी पर थीं, नवजात शिशु चिकित्सा इकाई में अचानक आग लग गई. मेघा ने अपनी जान की परवाह न करते हुए करीब 15 बच्चों को बचाने में सफलता हासिल की.विराट कोहली या कोई और...कौन होगा RCB का कप्तान? मेगा ऑक्शन में निशाने पर ये 5 खिलाड़ीSuccess Story: ये खूबसूरत महिला बनना चाहती थीं डॉक्टर पर बन गईं सरकारी अधिकारी, देखें फोटोडिनर डेट से पूल पार्टी तक..
उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शुक्रवार रात लगी आग में 10 मासूमों की मौत हो गई. जबकि, 37 बच्चों को सुरक्षित निकाला गया. इस हादसे ने लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया, लेकिन हादसे के दौरान एक नर्स के जज्बे ने लोगों को दिल जीत लिया और अब उसकी जमकर तारीफ हो रही है. मेघा जेम्स नाम की नर्स के खुद के कपड़े जल गए, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और स्टाफकर्मियों की मदद से 15 बच्चों की जान बचाई.
मेघा ने बताया, 'मेरी चप्पल में आग लग गई और मेरा पैर जल गया. फिर मेरी सलवार में आग लग गई. किसी तरह दूसरी सलवार पहनकर मैं बचाव अभियान में जुट गई. बहुत धुआं था और एक बार जब लाइट चली गई तो हम कुछ भी नहीं देख पाए. फिर भी मैं और स्टाफ के कुछ साथी कम से कम 14 से 15 बच्चों को बचाकर बाहर लाए. वार्ड में 11 बेड थे, जिन पर 23-24 बच्चे थे.' मेघा ने बताया कि अगर लाइट नहीं गई होती तो और भी बच्चों को बचाया जा सकता था. उन्होंने कहा, 'यह सब बहुत अचानक हुआ. हममें से किसी ने भी इसकी उम्मीद नहीं की थी.
नर्सिंग अधीक्षक ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि वह आग में कितनी बुरी तरह झुलसी हैं. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर अंशुल जैन ने दावा किया कि अस्पताल ने प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया था, जिसकी वजह से कई लोगों की जान बचायी जा सकी. झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि आग से बचाए गए एक नवजात की रविवार को बीमारी के कारण मौत हो गई.
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