चीन के पक्के दोस्त के घर में विदेश मंत्री जयशंकर की खरी-खरी
जयशंकर ने कहा, "इसमें कोई शक़ नहीं है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से भारत और रूस के बीच रिश्ते हमेशा बेहतर रहे हैं. अमेरिका साथ रूस के रिश्तों में उतार-चढ़ाव ज़रूर आया है लेकिन भारत के साथ उसके रिश्ते हमेशा स्थिर रहे हैं."
एस जयशंकर ने कहा, "ये काफ़ी नहीं कि हम बदलावों को पहचानें बल्कि हमें उसके कारणों को भी समझना होगा. भारत और रूस दोनों समझते हैं कि अब दुनिया एकध्रुवीय नहीं, बल्कि अनेक ध्रुवों की है. और इस समझ के साथ दोनों के बीच रिश्तों में मज़बूती आई है." जयशंकर ने कहा, ''दोनों ही एससीओ, जी20 जैसे कई अहम संगठनों का हिस्सा हैं और मानते हैं कि आसियान दोनों की दोस्ती के केंद्र में है. दोनों ही देश बदलती स्थितियों को न समझने का दिखावा नहीं कर सकते. दोनों को अपनी रणनीति पर ध्यान रखना होगा."एस जयशंकर ने कहा, "रक्षा क्षेत्र में रूस भारत का भरोसेमंद मित्र रहा है. सेना, समुद्र की सुरक्षा के मामले में नए सहयोग की उम्मीद करते हैं.