aaj ka shabd pratiti mahadevi verma hindi kavita in ankhon ne dekhi na raah kahin आज का शब्द: प्रतीति और महादेवी वर्मा की कविता 'इन आँखों ने देखी न राह कहीं'
हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है प्रतीति जिसका अर्थ है - 1. प्रतीत होने की क्रिया या भाव 2. जानकारी; ज्ञान 3.
प्रसन्नता। कवयित्री महादेवी वर्मा ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है। इन आँखों ने देखी न राह कहीं इन्हें धो गया नेह का नीर नहीं, करती मिट जाने की साध कभी, इन प्राणों को मूक अधीर नहीं, अलि छोड़ो न जीवन की तरणी, उस सागर में जहाँ तीर नहीं! कभी देखा नहीं वह देश जहाँ, प्रिय से कम मादक पीर नहीं! जिसको मरुभूमि समुद्र हुआ उस मेघव्रती की प्रतीति नहीं, जो हुआ जल दीपकमय उससे कभी पूछी निबाह की रीति नहीं, मतवाले चकोर ने सीखी कभी; उस प्रेम के राज्य की नीति नहीं, तूं अकिंचन भिक्षुक है मधु का, अलि...
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